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शनिवार, 8 अक्तूबर 2011

किसे हम अपना कहे ?

क्या कोई ये बताएगा की हम अपना किसको कहते है जो हमारे पास रहता है या हम जिसके पास रहते है या फिर वो जो हमसे दूर रहकर भी यादो के रूप मै दिल के पास रहता है . सोच समझकर जवाब देना? 
कन्हैया शर्मा चेन्नई [सादुलपुर]  08144218770

शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011

झुक जाता है सर

हिन्दू को कुरान से बू आती मुस्लमान को पुराण से बू आती है शर्म से तो सर तब झुक जाता है जब इंसान को इंसान से बू आती है. इन धर्म करम के चकर को छोड़कर इंसानियत के साथ जीना सीखो

शैतान का नंबर तो आता ही नहीं

इंसान ही कमाता है इंसान ही खाता है कुछ पैसो की खातिर अपनों का खून बहाता है , लोगो ने तो यूही कर रखा है शैतान को बदनाम बेचारे शैतान का तो नंबर ही नहीं आता है

सपना

सपनो की दुनिया मै सब कुछ अजीब सा लगता है जो हमसे बहुत दूर है वो करीब सा लगता है .सच कहते है की सपना तो सिर्फ सपना होता है तो फिर क्यूँ ये हकीकत के जैसा अजीज लगता है .

बेवफाई

जिस बेवफा को हमने अपनी जान से भी ज्यादा प्यार किया था वो किसी और के साथ मिलकर आज मेरे ही दिल के टुकड़े करके मुझे घुट घुट कर मरने पे मजबूर कर दिया है.क्या सच्चा प्यार इसी को ही कहते है की किसी एक का दिल तोड़कर दुसरे का घर बसाओ

बुधवार, 5 अक्तूबर 2011

दुआ...


आप सभी को दुर्गा नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं 
और साथ ही साथ बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रतिक दशहरा पर्व की भी बधाईयां....
आप से निवेदन है कि अब मेरे दोनों ब्लाग निचे जो लिंक है वह फेसबुक पर उपलब्ध है तो मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया फेसबुक पर भी अनुसरण करें !! धन्यवाद !! 
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नीलकमल वैष्णव"अनीश"