हमारा प्यारा भारत देश जो कभी हर किसी के लिए संस्कृति की पहचान हुआ करता था आज उसी भारत देश मे कोई भी महिला अकेले कहीं भी जाने से डरने लगी है / उनका ये डर भी सही है क्यूंकि आजकल महिलाये कहीं भी सुरक्षित नहीं है घर से लेकर स्कूल आश्रम बस या ट्रेन मे कहीं भी कुछ गलत होने का डर उनको सताता रहता है और ये सब होने की सिर्फ एक ही वजह है और वो है हमारे देश का कानून . क्यूंकि हर गुनहगार जनता है की भारत मे किसी को भी सजा जल्दी नहीं मिलती ऐसे मे उनका होसला बढ़ जाता है और वो लोग ऐसी घिनोनी हरकत को अंजाम देते है. दुसरे देशो की तुलना मे भारत मे ज्यादा बलात्कार और योन शोषण की घटनाये ज्यादा होती है जिसकी जिमेदार हमारी कमज़ोर कानून व्यवस्था है. गुनहगार को यदि तुरंत सजा मिलेगी तो ऐसी घटनाये अपने आप ही कम हो जाएगी .जय हिन्द जय भारत . कन्हैया शर्मा सादुलपुर [चेन्नई] 9344218770
टुटा हुआ ख्वाब
सोमवार, 9 सितंबर 2013
रविवार, 29 जुलाई 2012
रात भर...
करके वादा कोई सो गया चैन से
करवटें बदलते रहे हम रात भर !!१!!
हसरतें दिल में घुट-घुट के मरती रही
और जनाज़े निकलते रहे रात भर !!२!!
रात भर चांदनी से लिपटे रहे वो
हम अपने हाथ मलते रहे रात भर !!३!!
आबरू क्या बचाते वह गुलशन कि
खुद कलियाँ मसलते रहे रात भर !!४!!
हमको पीने को एक कतरा भी न मिला
और दौर पर दौर चलते रहे रात भर !!५!!
रौशनी हमें दे ना पाए यह चिराग अब
यूँ तो कहने को वो जलते रहे रात भर !!६!!
छत में लेट टटोले हमने आसमान
अश्क इन आँखों से ढलते रहे रात भर !!७!!
.........नीलकमल वैष्णव "अनिश".........
लेबल:
नीलकमल वैष्णव"अनिश"
स्थान:
सारंगढ़, छत्तीसगढ़, भारत
मंगलवार, 12 जून 2012
यकीन बना कर लोग ज़िन्दगी मे आते है ,
ख्वाब बनकर आँखों मे बस जाते है /
पहले तो कहते है की वो हमारे लिए है
फिर ना जाने क्यों तनहा छोड़ जाते है
कन्हैया शर्मा
चेन्नई [सादुलपुर]
08144218770
आज का इंसान कितना स्वार्थी हो गया है इस का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है की शराब के लिए इंसान कहीं से भी पैसो का इंतजाम कर लेता है लेकिन जब अपने बच्चो के लिए खाने की बात आती है तो ये बहाना बना लेता है की आज कुछ भी काम नहीं हुआ / शराब की दूकान मे जाकर २ रुपये के सामान के ५ रुपये दे देगा लेकिन जब बच्चो को १ टोफ्फी दिलानी हो तो पैसे नहीं है कहकर पल्ला झाड लेता है. अपनी लत को पूरा करने के लिए बीवी से भी झगडा करने से नहीं चूकता/ अब ऐसे इंसान को क्या कहा जाये आप लोग ही बताये. कन्हैया शर्मा चेन्नई [सादुलपुर] 08144218770
रविवार, 10 जून 2012
भगवान के नाम पर लोग कितना कुछ नहीं करते लेकिन जब किसी जरुरत मंद की मदद करने की बारी आती है तो सब अपने कदम ऐसे पीछे कर लेते है अटलब जैसे उनके कदमो के नीचे किसी ने आग डाल दी हो /लेकिन वो ये नहीं जानते की वो चाहे मंदिरों जागरणों के नाम पे अपना सब कुछ भी लुटा देंगे तो भी भगवान उनसे खुश नहीं होंगे क्योंकि भगवान तो भावो के भूखे होते है उन्हें दौलत से क्या मतलब इसलिए हे इंसान जितना तुम मंदिरों मे अपने नाम के लिए दान करते हो उसमे से थोडा सा भी किसी जरुरत मंद की मदद मे खर्च करोगे तो तुम्हे हर जगह भगवान ही दिखाई देंगे. यदि हर दौलतमंद इंसान अपनी कमाई का कुछ हिस्सा बेसहारा लोगो की मदद मे लगाये तो कोई भी गरीब भूखा नहीं रहेगा और किसी भी गरीब की मदद करने से जो आनद मिलता है वो भगवान की कृपा से कम नहीं होता है. कन्हैया शर्मा चेन्नई [सादुलपुर]8144218770
भगवान के नाम पर लोग कितना कुछ नहीं करते लेकिन जब किसी जरुरत मंद की मदद करने की बारी आती है तो सब अपने कदम ऐसे पीछे कर लेते है अटलब जैसे उनके कदमो के नीचे किसी ने आग डाल दी हो /लेकिन वो ये नहीं जानते की वो चाहे मंदिरों जागरणों के नाम पे अपना सब कुछ भी लुटा देंगे तो भी भगवान उनसे खुश नहीं होंगे क्योंकि भगवान तो भावो के भूखे होते है उन्हें दौलत से क्या मतलब इसलिए हे इंसान जितना तुम मंदिरों मे अपने नाम के लिए दान करते हो उसमे से थोडा सा भी किसी जरुरत मंद की मदद मे खर्च करोगे तो तुम्हे हर जगह भगवान ही दिखाई देंगे. यदि हर दौलतमंद इंसान अपनी कमाई का कुछ हिस्सा बेसहारा लोगो की मदद मे लगाये तो कोई भी गरीब भूखा नहीं रहेगा और किसी भी गरीब की मदद करने से जो आनद मिलता है वो भगवान की कृपा से कम नहीं होता है. कन्हैया शर्मा चेन्नई [सादुलपुर] 8144218770
सदस्यता लें
संदेश (Atom)