शनिवार, 31 मार्च 2012
मानव जीवन का सही उपयोग
जिंदगी मे एक बात हमेशा याद रखना की समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता है , इसलिए कभी भी किसी का बुरा करने से पहले ये जरुर सोच लेना की उपर जो सबका विधाता बैठा है वो तुम्हारे द्वारा किया गया हर काम देख रहा है और उसके इन्साफ से आज तक कोई नहीं बच सका है जो जैसा काम करेगा उसे वैसा ही फल मिलेगा . इस इंसानी रुपी शरीर को बेकार के कामो की बजाय किसी की मदद करने मे लगाओ ताकि तुम्हारा मानव जीवन सफल हो जाये .
मंगलवार, 27 मार्च 2012
सफलता का मंत्र...
बुधवार को बोलें यह गणेश मंत्र, निश्चित बढऩे लगेगी आपकी साख व सफलता
किसी भी काम में समर्पण, अनुभव और प्रयोग द्वारा दक्षता या विशेषज्ञता हासिल कर ही कोई व्यक्ति पहचान और प्रतिष्ठा पा सकता है। इस खूबी के बूते ही सफलता के नए-नए मुकाम छूना संभव है। ऐसी विलक्षणता तभी संभव है जब बुद्धि की पवित्रता, मन और विचारों की एकाग्रता बनाए रखी जाए।
हिन्दू धर्म में ऐसा करने के लिए कर्म का महत्व तो बताया ही गया है, साथ ही धार्मिक उपायों में भगवान गणेश की भक्ति को भी मंगलदायी बताया गया है। श्री गणेश बुद्धि द्वारा सर्वसिद्धि प्रदान करने देवता माने गए हैं। सरल शब्दों में भगवान गणेश की प्रसन्नता इंसान को हुनरमंद बनाने वाली मानी गई है।
शास्त्रों में श्री गणेश की ऐसी ही कृपा के लिए बुधवार के दिन विशेष मंत्रों से पूजा व स्मरण बहुत ही शुभ माना गया है। जानते हैं ऐसा ही मंत्र व पूजा विधि-
- बुधवार को सुबह स्नान के बाद भगवान श्रीगणेश की मूर्ति को पंचामृत स्नान कराएं। लाल चंदन, लाल फूल, अक्षत, दूर्वा, सिंदूर चढ़ाकर गुड़ या मिश्री के लड्डू का भोग लगाकर नीचे लिखे गणेश मंत्र का चंदन की माला से कार्य कुशलता व सफलता की कामना के साथ कम से कम ११ बार या अधिक से अधिक जप करें -
ओंकारसंनिभमिभाननमिन्दुभालं
मुक्ताग्रबिन्दुममलद्युतिमेकदन्तम्।
लम्बोदरं कलचतुर्भुजमादिदेवं
ध्यायेन्महागणपतिं मतिसिद्धिकान्तम्।।
या ऊँ दक्षाय नम: इस छोटे-से मंत्र का भी स्मरण कर सकते हैं।
- इस मंत्र व पूजा के बाद श्रीगणेश के आरती धूप, दीप से कर विघ्र रक्षा के साथ क्षमाप्रार्थना करें।
नीलकमल वैष्णव"अनिश"
लेबल:
नीलकमल वैष्णव"अनीश"
स्थान:
सारंगढ़, छत्तीसगढ़, भारत
शनिवार, 3 मार्च 2012
थिंक हट के...
कोई रूठे यहाँ तो कौन मनाने आता है
रूठने वाला खुद ही मान जाता है,
ऐ अनिश दुनियां भूल जाये कोई गम नहीं
जब कोई अपना भूल जाये तो रोना आता है...
जब महफ़िल में भी तन्हाई पास हो
रौशनी में भी अँधेरे का अहसास हो,
तब किसी कि याद में मुस्कुरा दो
शायद वो भी आपके इंतजार में उदास हो...
फर्क होता है खुदा और पीर में
फर्क होता है किस्मत और तक़दीर में
अगर कुछ चाहो और ना मिले तो
समझ लेना कि कुछ और अच्छा है हाथो कि लकीर में.
नीलकमल वैष्णव"अनिश"
०९६३०३०३०१०, ०७५६६५४८८००
लेबल:
नीलकमल वैष्णव"अनीश"
स्थान:
सारंगढ़, छत्तीसगढ़, भारत
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