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रविवार, 10 जून 2012

भगवान के नाम पर लोग कितना कुछ नहीं करते लेकिन जब किसी जरुरत मंद की मदद करने की बारी आती है तो सब अपने कदम ऐसे पीछे कर लेते है अटलब जैसे उनके कदमो के नीचे किसी ने आग डाल दी हो /लेकिन वो ये नहीं जानते की वो चाहे मंदिरों जागरणों के नाम पे अपना सब कुछ भी लुटा देंगे तो भी भगवान उनसे खुश नहीं होंगे क्योंकि भगवान तो भावो के भूखे होते है उन्हें दौलत से क्या मतलब इसलिए हे इंसान जितना तुम मंदिरों मे अपने नाम के लिए दान करते हो उसमे से थोडा सा भी किसी जरुरत मंद की मदद मे खर्च करोगे तो तुम्हे हर जगह भगवान ही दिखाई देंगे. यदि हर दौलतमंद इंसान अपनी कमाई का कुछ हिस्सा बेसहारा लोगो की मदद मे लगाये तो कोई भी गरीब भूखा नहीं रहेगा और किसी भी गरीब की मदद करने से जो आनद मिलता है वो भगवान की कृपा से कम नहीं होता है. कन्हैया शर्मा चेन्नई [सादुलपुर]8144218770

भगवान के नाम  पर  लोग  कितना कुछ  नहीं करते  लेकिन जब किसी जरुरत मंद  की मदद  करने की बारी  आती  है  तो सब  अपने कदम  ऐसे पीछे  कर लेते  है  अटलब जैसे उनके  कदमो  के नीचे किसी ने  आग डाल दी हो /लेकिन वो ये नहीं जानते  की  वो चाहे  मंदिरों  जागरणों के नाम पे अपना सब कुछ भी लुटा देंगे तो भी भगवान उनसे खुश नहीं होंगे  क्योंकि  भगवान  तो भावो  के भूखे  होते है  उन्हें  दौलत  से  क्या मतलब  इसलिए  हे  इंसान  जितना तुम मंदिरों मे  अपने नाम के लिए दान  करते हो  उसमे से थोडा सा भी किसी जरुरत मंद की मदद मे खर्च  करोगे तो  तुम्हे हर जगह भगवान  ही दिखाई देंगे. यदि हर दौलतमंद  इंसान  अपनी कमाई  का कुछ हिस्सा  बेसहारा  लोगो  की मदद मे लगाये  तो  कोई भी  गरीब  भूखा  नहीं रहेगा  और  किसी भी गरीब की मदद करने से जो आनद  मिलता है  वो  भगवान की कृपा से कम  नहीं होता है. कन्हैया शर्मा  चेन्नई  [सादुलपुर] 8144218770

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